Bipul Chettri - Nau Lakhey Tara

आकास भरि नौंलाखे तारा
आकास भरि नौंलाखे तारा
झलल बलिरहे छौ है तिमी कति टाढा

सुनसान छ यहाँ चारैतिर
सुनसान छ यहाँ चारैतिर
त्यो पारी गाँउमा बिजुली बत्ति जलेछ
झ ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल
झ ल ल ल ल ल ल ल ल ल
हावा चल्यो यहाँ सरर
हावा चल्यो यहाँ सरर
सरर हावा चल्यो हल्लाईदियो पिपल रुख
रातकी रानी उलेछ यहाँ
रातकी रानी उलेछ यहाँ
मगमगे बासना चारैतिर छरिएछ जहाँ
जिवन यसै बित्ने हो कि
जिवन यसै बित्ने हो कि
अधुरो जिवन अधुरो बित्ने हो कि
आकास भरि नौंलाखे तारा
आकास भरि नौंलाखे तारा
झलल बलिरहे छौ है तिमी कति टाढा
झ ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल
झ ल ल ल ल ल ल ल ल ल
झ ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल
झ ल ल ल ल ल ल ल ल ल
झ ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल
झ ल ल ल ल ल ल ल ल ल

Comments

  • ×