Vishal Dadlani - Zinda



ख़ाक से बना हूँ मैं
ख़ाक ही बन जाऊंगा
सीने में लेके आग मैं
वक़्त से लड़ जाऊंगा

ख़ाक से बना हूँ मैं
ख़ाक ही बन जाऊंगा
सीने में लेके आग मैं
वक़्त से लड़ जाऊंगा

दिल के भंवर में है डूबा
मेरा सफीना, हाँ सफीना
हो दुआएं मैंने रब से की
थामे मुझको यूँही रहना
यूँही रहना, रहना

ज़िंदा हूँ मैं तुझमे
तुझमें रहूँगा ज़िंदा
तोड़ के सब ज़ंजीरें
मैं आज़ाद परिंदा

ज़िंदा हूँ मैं तुझमे
तुझमें रहूँगा ज़िंदा
तोड़ के सब ज़ंजीरें
मैं आज़ाद परिंदा
ख़ाक से बना हूँ मैं
ख़ाक ही बन जाऊंगा
सीने में लेके आग मैं
वक़्त से लड़ जाऊंगा

ख़ाक से बना हूँ मैं
ख़ाक ही बन जाऊंगा
सीने में लेके आग मैं
वक़्त से लड़ जाऊंगा

ज़िंदा हूँ मैं तुझमे
तुझमें रहूँगा ज़िंदा
तोड़ के सब ज़ंजीरें
मैं आज़ाद परिंदा

ज़िंदा हूँ मैं तुझमे
तुझमें रहूँगा ज़िंदा
तोड़ के सब ज़ंजीरें
मैं आज़ाद परिंदा

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